Monday, August 1, 2011

उम्मीद

हर सुबह एक नई उम्मीद लेकर आती है,
हर शाम उसके पुरे न होने का एहसास दिलाकर जाती है !
कहते हैं की उम्मीद पर दुनिया कायम है,
यहाँ तो हर उम्मीद ही नकायम नज़र आती है !


किस पर इलज़ाम लगाए इसका,
किस्मत ही सबसे बड़ी खिलाडी है !
हर उम्मीद को सपना बनाने की ,
बुरी आदत तो हमें ही पड़ी है !


कहते है कि उम्मीद से ही सजती है ज़िन्दगी ,
बुलंद सपनों को मौत अखर जाती है !
कैसे बताए किसी को कि जिस के पास कोई उम्मीद नहीं ,
उसे उसकी ज़िन्दगी अखर जाती है !


हर उगता सपना होठों पर हँसी लेकर आता है ,
हर ढलता सपना आँखों में नमी छोड़ जाता है !
अब तो फर्क ही नहीं पड़ता इन उगता और ढलते सपनों से ,
क्योंकि अब ना ज़िन्दगी का सारऔर ना किनारा नज़र आता है !


यूँ ही लौट जाती है उम्मीदें दिल पर दस्तक देकर ,
बरसों से इस दिल का दरवाज़ा बंद जो नज़र आता है !
पर बसता है वो खुदा कहीं ना कहीं इस दिल में ,
जिसे देखकर हर दर्द हर गिला दूर हो जाता है !
बस उसका प्यार ही तो है अब ज़िन्दगी मेरी ,
हर दुःख उसका सबक और हर सुख उसका आशीर्वाद नज़र आता है !!!

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